इश्क़ से अनुभव
दिल पर कुछ यूँ अख्तियार कर रहा है
इश्क़ से अनुभव दरकिनार कर रहा है
ख्वाहिश एक, मुश्किलें हजार हैं मगर
इरादों के हथियार में धार कर रहा है
खफ़ा है मगर कोई बोलता कुछ नहीं
हर कोई पीठ पर मेरी वार कर रहा है
फिरते हैं सभी बने मियां मिट्ठू यहां
फिर भी सभी का ऐतबार कर रहा है
ना कुछ भी बचा है अब इसका निजी
ये इंसान खुद को अखबार कर रहा है
अनुभव मिश्रा ✍️❤️
इश्क़ से अनुभव दरकिनार कर रहा है
ख्वाहिश एक, मुश्किलें हजार हैं मगर
इरादों के हथियार में धार कर रहा है
खफ़ा है मगर कोई बोलता कुछ नहीं
हर कोई पीठ पर मेरी वार कर रहा है
फिरते हैं सभी बने मियां मिट्ठू यहां
फिर भी सभी का ऐतबार कर रहा है
ना कुछ भी बचा है अब इसका निजी
ये इंसान खुद को अखबार कर रहा है
अनुभव मिश्रा ✍️❤️
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